शरीर के हर अंग को भेदती हैं जो ये अनगिनत बेशरम आँखें उनका काली बन संहार करो। शरीर के हर अंग को भेदती हैं जो ये अनगिनत बेशरम आँखें उनका काली बन...
जिंदगी कोई खेल नहीं सभी अपनी ओर से खेलने चाहते हैं, अपनी ओर से खेलते भी हैं फिर भ जिंदगी कोई खेल नहीं सभी अपनी ओर से खेलने चाहते हैं, अपनी ओर से खेलते भी ...
दीमक की तरह चाटते जा रहे हैं अब सारे, मेरे इर्द-गिर्द पनपते हैं हमेशा ख्वाबों के हत्या दीमक की तरह चाटते जा रहे हैं अब सारे, मेरे इर्द-गिर्द पनपते हैं हमेशा ख्वाबों...
इतिहास नहीं बदलता है इतिहास नहीं बदलता है
बाहर निकलो घर से और सीखो आत्म-रक्षा के गुर बाहर निकलो घर से और सीखो आत्म-रक्षा के गुर
नर को नारायण मान सकें कुछ ऐसा कोई काम करो। नर को नारायण मान सकें कुछ ऐसा कोई काम करो।